आइये इस दुकान से शान खरीदिये अपने लिए थोड़ी सी पहचान खरीदिये – इक़बाल मेंहदी काज़मी
आइये इस दुकान से शान खरीदिये ।
अपने लिए थोड़ी सी पहचान खरीदिये।।
जीत जाएंगे आप हर लड़ाई को ।
इंसान रूपी थोड़े से शैतान खरीदिये ।।
कौन बोलेगा भला,चाहे जो कीजिये ।
कुछ ख़ाकी वर्दी वाले इंसान खरीदिये।।
सच्चाई आपके सामने जो आती हो ।
दौलत -के ज़ोर से ईमान खरीदिये ।।
आप, बनेंगे राजा, इस ज़माने के ।
हर गरीब का बस मकान खरीदिये ।।
आपके ज़ुल्मों पर पर्दा ही रहेगा ।
चाहें जिस अबला की आन खरीदिये ।।
क़त्ल कीजिए बाज़ार में,और घूमिये ।
बस चन्द गवाहों की ज़ुबान खरीदिये।।
सारा समाज भी आपका क्या बिगाड़ेगा।
जज का अपने हक़ में बयान खरीदिये।।
“मेंहदी” हक़ीक़त जो तूने दिखा दिया ।
अब आप छुपने के लिए स्थान खरीदिये।।
इक़बाल मेंहदी काज़मी
मेंहदी बलरामपुरी
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